विराट की टीम को चैंपियंस ट्रॉफी में ना भेजना किसकी साजिश थी?
चैंपियंस ट्रॉफी में भारत की क्रिकेट टीम खेलेगी या नहीं, अब इस सस्पेंस से पर्दा 7 मई को उठेगा। फिलहाल ऐसा लग रहा है जैसे क्रिकेट की सियासत करने वालों ने ही इस सस्पेंस को बढ़ाया और क्रिकेट से प्रेम करने वाले फैंस की भावना के साथ खिलवाड़ किया । दरअसल मामला सिर्फ करोड़ों रुपए का नहीं है, इसके पीछे कुछ ऐसे भी लोग हैं जो बीसीसीआई बनाम आईसीसी के खेल के विशेषज्ञ हैं। फिलहाल बीसीसीआई की बागडोर संभालने वाली प्रशासकों की कमिटी दखल नहीं करती तो विराट कोहली की टीम का चैंपियंस ट्रॉफी में खेलना मुश्किल ही हो गया था। लेकिन अब बीसीसीआई के मुख्य प्रशासक विनोद राय ने अपना फैसला बीसीसीआई को सुना दिया है। राय ने साफ कह दिया कि बिना प्रशासक कमिटी से सहमति लिए बीसीआई के अधिकारी चैंपियंस ट्रॉफी के बारे में कोई फैसला नहीं कर सकते। दरअसल प्रशासकों को खबर मिली की बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन के 10 वफादार आपस में टेलीकांफ्रेंस के जरिए बात कर रहे हैं और आईसीसी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने और चैंपियंस ट्रॉफी से बाहर रहने पर विचार चल रहा है। अब सात मई को बीसीसीआई की एसजीएम बुलाई गई है, इसी में फैसला होगा। अंदर की खबर ये है कि प्रशासक कमिटी चाहती है कि विराट कोहली की टीम चैंपियंस ट्रॉपी खेले, लेकिन आईसीसी के साथ किसी तरह का समझौता भी ना करना पड़े। बीसीसीआई को वो रकम मिले जिसकी वो हकदार है क्योंकि आईसीसी को 80 फीसदी से ज्यादा आमदनी भारत से ही आती है। इसलिए आईसीसी भी चाहती है कि भारत की टीम ज़रूर खेले। लेकिन बीच में क्रिकेट की सियासत करने वाले कुछ लोग गड़बड़ कर रहे थे जो अब पकड़े गए हैं। अब लगता है भारत की टीम चैपियंस ट्रॉफी खेलने जाएगी और भारत को वो रकम भी मिलेगी जो उसे मिलनी चाहिए।