कश्मीर का सबसे पुराना, सबसे खूंखार आतंकी खत्म
सोपोर शहर में रहने वाले नजर ने 16 साल की उम्र में ही आतंक की राह पकड़ ली थी।
सोपोर शहर में रहने वाले नजर ने 16 साल की उम्र में ही आतंक की राह पकड़ ली थी।
मंगलवार को आर्मी ने हिज्बुल मुजाहिद्दीन के कमांडर अब्दुल कयूम नजर को एक मुठभेड़ में ढेर कर दिया। ये आतंकवादी हिज्बुल मुजाहिद्दीन की कमाल संभालने के लिए वापस कश्मीर में घुसने की कोशिश कर रहा था। जम्मू-कश्मीर पुलिस ने इसके सिर पर 10 लाख रुपए का इनाम रखा था। ये कितना खूंखार आतंकी था इसका अंदाज़ा इस बात से लगता है कि इसके सिर पर 50 से ज्यादा कत्ल के इल्जाम थे।बारामूला के एसएसपी इम्तियाज हुसैन ने बताया, ‘वह कश्मीर में हिज्बुल मुजाहिद्दीन की कमाल संभालने के लिए वापस आ रहा था क्योंकि सुरक्षाबलों ने उनके कमांडरों को ढेर कर दिया है।’
आर्मी और पुलिस ने मिलकर नॉर्थ कश्मीर में हिज्बुल मुहाजिद्दीन के कमांडो जावीद और दक्षिण कश्मीर में ऑपरेशन चीफ यासिन याट्टू को मार गिराया है। इसके बाद अब कोई कमांडर बनना नहीं चाहता। इसलिए हिज्बुल के चीफ सलाउद्दीन ने पुराने आतंकी अब्दुल नज़र को पीओके से कश्मीर भेजने की कोशिश की थी। लेकिन वो कश्मीर में पैर रखता इससे पहले खत्म हो गया।
हिज्बुल मुजाहिद्दीन ने उसे साल 2015 में वापस पीओके बुला लिया था। पुलिस के पास उसकी कोई तस्वीर नहीं थी। पुलिस ने उसकी सूचना देकर गिरफ्तार कराने पर 10 लाख रुपए का इनाम घोषित कर रखा था। नजर उस वक्त चर्चा में आया था, जब उसने सोपोर में मोबाइल टावर पर हमला किया था, जिसमें छह नागरिकों की मौत हो गई थी।
सोपोर शहर में रहने वाले नजर ने 16 साल की उम्र में ही आतंक की राह पकड़ ली थी। साल 1992 में उसे गिरफ्तार किया गया और बाद में उसे रिहा कर दिया गया। उसके बाद उसने 1995 में दोबारा से आतंक की राह पकड़ ली थी। ये इतना शातिर था कि गंजा होने के बावजूद नकली बाल लगाता था, जिसकी वजह से उसे कोई पहचान नहीं पाता था।