आरुषि-हेमराज हत्याकांड: तलवार दंपति बरी, जानिए 9 साल में कब क्या हुआ?
अपनी बेटी आरुषि तलवारऔर नौकर हेमराज की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे दंपति डॉ. राजेश तलवार और नूपुर तलवार को आज इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बरी कर दिया है।फैसले के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि तलवार दंपती को संदेह का लाभ दिया जाना चाहिए कि उन्होंने अपनी बेटी को नहीं मारा। कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते आगे कहा कि निचली अदालत के फैसले में कई खामियां थीं। यह आदेश न्यायमूर्ति वीके नारायण तथा न्यायमूर्ति एके मिश्र की खंडपीठ ने दिया है।तलवार दंपति फ़िलहाल ग़ाज़ियाबाद स्थित डासना जेल में बंद हैं।
देश की सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री और बहुचर्चित हत्याकांड के 9 साल के इतिहास पर एक नज़र :
2008:
- 16 मई: 14 साल की आरुषि की लाश नोएडा में अपने घर में बिस्तर पर मिली।उसकी गला काट कर हत्या की गई थी।हत्या का शक घरेलू नौकर हेमराज पर गया।
- 17 मई: सुबह फ्लैट की छत से नौकर हेमराज का शव बरामद हुआ।
- 23 मई: नोएडा पुलिस ने आरुषि के पिता डॉ. राजेश तलवार को आरुषि और हेमराज की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया।
- 31 मई: आरुषि-हेमराज मर्डर केस की जांच सीबीआई को सौपीं गई।
- 1 जून : सीबीआई ने मामले की जांच शुरू की।
- 13 जून : सीबीआई ने डॉ. तलवार के कंपाउंडर कृष्णा को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया। तलवार के दोस्त दुर्रानी के नौकर राजकुमार और तलवार के पड़ोसी के नौकर विजय मंडल को भी बाद में गिरफ्तार किया। तीनों दोहरे हत्याकांड के आरोपी बने।
- 12 जुलाई:सबूतों के अभाव में राजेश तलवार गाजियाबाद की डासना जेल से जमानत पर रिहा।
- 12 सितंबर: कृष्णा, राजकुमार और विजय मंडल को सीबीआई कोर्ट से जमानत मिली। सीबीआई 90 दिन तक चार्जशीट फाइल नहीं कर सकी।
2009:
- 10-सितंबर :आरुषि हत्याकांड की जांच के लिए सीबीआई की दूसरी टीम बनी।
2010
- 29 दिसंबर : सीबीआई ने क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की और कहा कि राजेश तलवार मुख्य संदिग्ध हैं, पर उनके खिलाफ सबूत नहीं हैं।
2011
- 25 जनवरी :राजेश तलवार ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट के खिलाफ लोअर कोर्ट में पिटीशन दाखिल की।
- 9 फरवरी :सीबीआई की विशेष अदालत ने क्लोजर रिपोर्ट खारिज की और तलवार दंपति पर अपनी बेटी आरुषि की हत्या के लिए मुकदमा चलाने का आदेश दिया।
2012:
- 11 जून : सीबीआई की विशेष अदालत में सुनवाई शुरू।
2013:
25 नवंबर : सीबीआई की विशेष अदालत ने तलवार दंपत्ति को दोषी पाया और उम्रक़ैद की सज़ा सुनाई।
2014:
21 जनवरी: तलवार दंपत्ति ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में सीबीआई कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील की।
2017:
08 सितंबर : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरुषि हत्याकांड में फैसला सुरक्षित किया।
12 अक्टूबर : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरुषि-हेमराज मर्डर केस में तलवार दंपति को बरी किया।