आतंक की फैक्ट्री बचाने के चक्कर में पाकिस्तान ने आखिर क्यों दे डाली अमेरिका को धमकी
गौरतलब है कि अमेरिका 2004 से ही अफगानिस्तान और उसके सीमावर्ती इलाकों में ड्रोन द्वारा आतंकी ठिकानों को निशाना बनाता रहा है। अमेरिकी ड्रोन्स ने बीते समय में कई बार पाकिस्तान की सीमा में आकर आतंकी ठिकानों पर हमले को अंजाम दिया हैं।
गौरतलब है कि अमेरिका 2004 से ही अफगानिस्तान और उसके सीमावर्ती इलाकों में ड्रोन द्वारा आतंकी ठिकानों को निशाना बनाता रहा है। अमेरिकी ड्रोन्स ने बीते समय में कई बार पाकिस्तान की सीमा में आकर आतंकी ठिकानों पर हमले को अंजाम दिया हैं।
करीबी सहयोगी माने जाने वाले पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्ते अब तक के सबसे खराब मोड़ पर आ चुके हैं। दोनों देशो के संबंधो के बीच आई खटास का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की 13 साल में पहली बार पाकिस्तान ने अमेरिका को खुली चुनौती देते हुए उसके ड्रोनों को मार गिराने का आदेश दिया है। पाकिस्तान ने हमेशा से अपनी धरती पर ड्रोन हमले का विरोध किया है, लेकिन उसने इससे पहले कभी यह नहीं कहा कि वह अनमैंड एरियल व्हेकल (UAV) को मार गिराएगा। पाकिस्तानी एयर फोर्स के चीफ सोहेल अमन ने पाकिस्तानी एयरस्पेस का उल्लंघन करने वाले अमेरिकी ड्रोन्स को मार गिराने का आदेश दिया है। इस्लामाबाद में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के एयर चीफ मार्शल ने कहा, “हम किसी को अपने एयरस्पेस का उल्लंघन नहीं करने देंगे। मैंने पाकिस्तानी एयर फोर्स को ड्रोन्स को मार गिराने का आदेश दिया है। चाहे वो अमेरिका के ही क्यों न हों, अगर वे हमारे एयरस्पेस में प्रवेश करेंगे और देश की संप्रुभता के लिए खतरा बनेंगे, तो मार गिरा देंगे।”
पाकिस्तानी एयर चीफ की नींद आज खुली है और उन्हें देश की संप्रभुता का ख्याल आया। लेकिन आपको बता दें कि अमेरिका द्वारा पाकिस्तान की संप्रभुता का ये उल्लंघन साल 2004 से चल रहा है। गौरतलब है कि अमेरिका 2004 से ही अफगानिस्तान और उसके सीमावर्ती इलाकों में ड्रोन द्वारा आतंकी ठिकानों को निशाना बनाता रहा है। अमेरिकी ड्रोन्स ने बीते समय में कई बार पाकिस्तान की सीमा में आकर आतंकी ठिकानों पर हमले को अंजाम दिया हैं। 2 हफ्ते पहले ही अमेरिकी ड्रोन ने 3 आतंकवादियों को अफगानिस्तान सीमा के पास स्थित आदिवासी इलाके में मार गिराया था। हर अमेरिकी ड्रोन हमले के बाद पाकिस्तान का विदेश मंत्रालय एक निंदा वाला बयान जारी कर देता है और फिर से अपनी जमीन पर इस तरह के हमलों की इजाजत देता है। अब देखना दिलचस्प होगा की चीन के बल पर पाकिस्तान ने अमेरिका को आँख दिखाने की हिम्मत तो कर दी लेकिन वो अपनी बात कितने वक़्त तक कायम रह पाता है ।
लंबे समय से पाकिस्तान का सरहदी इलाका आतंकवादियो की पनाहगाह बना हुआ है। अमेरिका इनके खिलाफ बड़ी सैनिक कार्रवाई के लिए पाकिस्तान पर लगातार दबाव बनाता भी रहता है लेकिन पाकिस्तानी सरकार कभी भी अपने देश में चल रहे आतंक की फैक्ट्री को बंद करने का प्रयास नहीं करती है। जिसके कारण अमेरिका लगातार पाकिस्तानी सीमा में घुसकर आतंकी ठिकानों को निशाना बनाता है । इसका नुकसान निर्दोष पाकिस्तानी नागरिकों को चुकाना पड़ता है । मीडिया रिपोर्ट्स की माने, तो ड्रोन हमले में आतंकियों सहित सैकड़ों बच्चे और महिलाएं मारे जाते है। बेहतर तो यह होता की पाकिस्तानी आर्मी खुद ही अपने देश में आतंक की फैक्ट्री को बंद करती है जिससे अमेरिका के पास उनके ऊपर उंगली उठाने का मौका ही नही मिलता। लेकिन पाकिस्तानी हुक्मरान और वहां की फ़ौज की नियत और हरक़त फिलहाल तो कोई ऐसी उम्मीद जगाती हुई नहीं दिख रही है।