मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव गिरा, वोटिंग का गणित क्या कहता है ?
मोदी सरकार के खिलाफ चार साल में पहली बार लाया गया अविश्वास प्रस्ताव करीब 12 के घंटों की लंबी बहस के बाद 199 वोटों से गिर गया।अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 126 जबकि विरोध में 325 वोट पड़े। कुल 425 वोट पड़े। शिवसेना और बीजद ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया ।
लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव गिरने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने ट्वीट कर सरकार का समर्थन करने वाले सभी दलों और सांसदों का आभार व्यक्त किया है।
NDA has the confidence of the Lok Sabha and the 125 crore people of India.
I thank all the parties that have supported us in the vote today. Our efforts to transform India and fulfil the dreams of our youth continue. Jai Hind!
— Chowkidar Narendra Modi (@narendramodi) July 20, 2018
परिवारवाद की नकारात्मक राजनीति के विरुद्ध लोकतंत्र की ज्योति को बरकरार रख, प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी की सरकार में अपना विश्वास प्रकट कर सहयोग देने वाले हमारे सभी सहयोगियों, सभी राजनीतिक दलों और सभी सांसदों का मैं भारतीय जनता पार्टी की ओर से आभार व्यक्त करता हूँ।
— Amit Shah (@AmitShah) July 20, 2018
वोटिंग का गणित क्या कहता है ?
वोटिंग से पहले एनडीए के सांसदों की संख्या 313 थी । लेकिन 18 सांसदों वाली शिवसेना के वोटिंग में हिस्सा नहीं लेने से का संख्याबल घटकर 295 रह गया था। उधर, कांग्रेस की अगुआई वाले यूपीए के पास 63 सांसद थे और अन्य मोदी विरोधी दलों के सांसदों की संख्या 74 थी। इस लिहाज से अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में सांसदों की संख्या 137 होती है । लेकिन वोटिंग के बाद केंद्र सरकार के पक्ष में 325 वोट पड़े हैं जबकि विपक्ष के हिस्से केवल 126 वोट ही आए। इससे यह स्पष्ट होता है कि विपक्ष एक बार फिर से गोलबंद होने में असफल हुई। 2019 के आम चुनाव से पहले विपक्ष के लिए इसे एक बड़े झटके के दौर पर देखा जा सकता है।