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ममता के बंगाल में मौलाना की धमकी, हम 72 लाखों पर भारी, कोई मां का औलाद नहीं जो मुसलमानों को निकाल दे

सुप्रीम कोर्ट रोहिंग्या मुसलमान मसले पर 3 अक्टूबर को सुनवाई करेगा।

Bengal Shia cleric Shabbir Ali Azad Warsi controversial-statement over deportation of Rohingya Muslims Breaking News अन्य ख़बरें आज की रिपोर्ट देश राज्य समाचार 

सुप्रीम कोर्ट रोहिंग्या मुसलमान मसले पर 3 अक्टूबर को सुनवाई करेगा।

रोहिंग्या मुसलमानों का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में है। सरकार ने साफ कर दिया है कि रोहिंग्या मुसलमानों को भारत छोड़ना पड़ेगा। म्यांमार की नेता सू ची ने भी कह दिया कि जो देश लौटना चाहते हैं वो वेरिफिकेशन के बाद लौट सकते हैं। लेकिन कुछ मौलाना इस मुद्दे पर देश में ज़हर फैला रहे हैं। अब नया किस्सा कोलकाता का है। 12 सितंबर को कई मुस्लिम संगठन कोलकाता की सड़कों पर प्रदर्शन करते हुए दिखाई दिए थे। कम से कम 25 से 30 हजार प्रदर्शनकारियों ने सर्कस पार्क से रानी राशमॉनी रोड तक 5 किलोमीटर का मार्च किया था। इनमें से एक मुस्लिम समुदाय के शिया मौलाना शब्बीर अली अजाद वारसी ने एक ऐसा विवादित बयान दे दिया था जिसकी अब काफी निंदा की जा रही है। मौलाना वारसी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘अगर मुस्लिम अल्पसंख्यक हैं तो क्या वे कमजोर हैं? तुम अभी मुसलमानों का इतिहास नहीं जानते हो।  हम 72 भी होते हैं तो भी लाखों को मार सकते हैं’।

यह भी पढ़ें:आख़िर कौन हैं रोहिंग्या मुसलमान और क्या है पूरा मसला

इसके बाद मौलाना ने कहा दिल्ली में बैठी सरकार से कहना चाहता हूं कि रोहिंग्या हमारे भाई हैं। यह सोचने की भूल मत करो कि रोहिंग्या मुसलमान भारतीय मुसलमानों से अलग हैं। जो खून उनका है वहीं खून हमारा भी है और जो खुदा उनका है वह खुदा हमारा भी है, दुनिया में मुसलमान कहीं भी हो हम सभी भाई हैं। बंगाल से रोहिंग्या मुसलमानों को निकालने की कोशिश मत करो। ये बंगाल है, असम, गुजरात, उत्तर प्रदेश, मुजफ्फरपुर और मुजफ्फरनगर नहीं जो तुम यहां से रोहिंग्या मुसलमानों को भगा दोगे। यहां मीडिया मौजूद है और आज में चुनौती देता हूं कि किसी की मां ने वो औलाद नहीं जनी जो मुसलमानों को बंगाल से निकालकर दिखा दे। अगर ऐसा ही चलता रहा तो हम इससे भी बड़ा जुलूस लेकर दिल्ली पहुंच जाएंगे और एक नया इतिहास रचेंगे।

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