आप के आँखों में आंसू आ जायेंगे साध्वी के इस चिट्ठी को पढ़कर जो उसने तत्कालीन प्रधानमंत्री को भेजी थी
महाराज ने मेरे को बांहों में लेते हुए कहा कि हम तुझे दिल से चाहते हैं। मेरे विरोध करने पर उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं हम ही खुदा हैं।
महाराज ने मेरे को बांहों में लेते हुए कहा कि हम तुझे दिल से चाहते हैं। मेरे विरोध करने पर उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं हम ही खुदा हैं। एक गुमनाम खत से शुरू हुआ मुकदमा 25 अगस्त को गुरमीत राम रहीम के दोषी करार देने के बाद…
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